Sadh Sangat Ji Pyar se kehna Dhan Nirankar Ji...
1) Over the years Baba Ji ne itna sunder naksha humko, Samagam ki roop-rekha itni khubsurat bana di hai hamaare liye, agar hum uspe amal karein toh vo apne aap hi khoobsurat achhi tarah se saara kuch ho payega...
2) *_Baba Ji kehte the Sewa koi badi ya choti nahi hoti, sewa sirf ‘Sewa-Bhavna’ se hoti hai, usmein ‘main’ (ego) nahi hoti._* Barso-baras Baba Ji khud bhi Uniform pehan ke Sewa karte rahe...
3) Aajkal ke selfish yug mein aap Mahapurush apni chinta apni parwah na karte hue, bas achhi tarah se grounds mein lage hue hain, khoob apne Tan-Mann-Dhan ki Sewa kar rahe hain taaki jo Mahapurush hamaare ghar aa rahe hain, hum unke liye achhi si khoobsurat si vyavastha kar paayein...
4) Nirankar kirpa kare aapko Tan-Man-Dhan ke sukh de tandurusti de aur aap sab bad-chad ke, chaahe bachhe hain chaahe behne hain chaahe jawaan hain, aur _bad-chad ke aage Sewa kar paayein aur Mission ke saath aur dridta se aage badein...
Sadh Sangat Ji Dhan Nirankar
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सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज के प्रवचन (16-ऑक्टोबर-16, समागम सेवा शुभारंभ)
साध संगत जी प्यार से कहना धन निरंकार जी...
1) ओवर द यियर्ज़ बाबा जी ने इतना सुन्दर नक्शा हमको, समागम की रूप-रेखा इतनी खूबसूरत बना दी है हमारे लिए, अगर हम उसपे अमल करें तो वो अपने आप ही एक खूबसूरत अच्छी तरह से सारा कुछ हो पाएगा...
2) बाबा जी कहते थे सेवा कोई बड़ी या छोटी नही होती, सेवा सिर्फ़ 'सेवा भावना' से होती है, उसमें ‘मैं’ (ईगो) नही होती...
बरसो-बरस बाबा जी खुद भी यूनिफॉर्म पहन के सेवा करते रहे...
3) आजकल के सेल्फिश युग में आप महापुरुष अपनी चिंता अपनी परवाह ना करते हुए, बस अच्छी तरह से ग्राउंड्स में लगे हुए हैं, खूब अपने टन-मन-धन की सेवा कर रहे हैं ताकि जो महापुरुष हमारे घर आ रहे हैं, हम उनके लिए अच्छी सी खूबसूरत सी व्यवस्था कर पायें...
4) निरंकार किरपा करे आपको टन-मन-धन के सुख दे तंदुरुस्ती दे और आप सब बढ़-चढ़ के, चाहे बच्चे हैं चाहे बहने हैं चाहे जवान हैं, और *_बढ़-चढ़ के आगे सेवा कर पायें और मिशन के साथ और दृढ़ता से आगे बढ़ें...
साध संगत जी धन निरंकार...
1) Over the years Baba Ji ne itna sunder naksha humko, Samagam ki roop-rekha itni khubsurat bana di hai hamaare liye, agar hum uspe amal karein toh vo apne aap hi khoobsurat achhi tarah se saara kuch ho payega...
2) *_Baba Ji kehte the Sewa koi badi ya choti nahi hoti, sewa sirf ‘Sewa-Bhavna’ se hoti hai, usmein ‘main’ (ego) nahi hoti._* Barso-baras Baba Ji khud bhi Uniform pehan ke Sewa karte rahe...
3) Aajkal ke selfish yug mein aap Mahapurush apni chinta apni parwah na karte hue, bas achhi tarah se grounds mein lage hue hain, khoob apne Tan-Mann-Dhan ki Sewa kar rahe hain taaki jo Mahapurush hamaare ghar aa rahe hain, hum unke liye achhi si khoobsurat si vyavastha kar paayein...
4) Nirankar kirpa kare aapko Tan-Man-Dhan ke sukh de tandurusti de aur aap sab bad-chad ke, chaahe bachhe hain chaahe behne hain chaahe jawaan hain, aur _bad-chad ke aage Sewa kar paayein aur Mission ke saath aur dridta se aage badein...
Sadh Sangat Ji Dhan Nirankar
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सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज के प्रवचन (16-ऑक्टोबर-16, समागम सेवा शुभारंभ)
साध संगत जी प्यार से कहना धन निरंकार जी...
1) ओवर द यियर्ज़ बाबा जी ने इतना सुन्दर नक्शा हमको, समागम की रूप-रेखा इतनी खूबसूरत बना दी है हमारे लिए, अगर हम उसपे अमल करें तो वो अपने आप ही एक खूबसूरत अच्छी तरह से सारा कुछ हो पाएगा...
2) बाबा जी कहते थे सेवा कोई बड़ी या छोटी नही होती, सेवा सिर्फ़ 'सेवा भावना' से होती है, उसमें ‘मैं’ (ईगो) नही होती...
बरसो-बरस बाबा जी खुद भी यूनिफॉर्म पहन के सेवा करते रहे...
3) आजकल के सेल्फिश युग में आप महापुरुष अपनी चिंता अपनी परवाह ना करते हुए, बस अच्छी तरह से ग्राउंड्स में लगे हुए हैं, खूब अपने टन-मन-धन की सेवा कर रहे हैं ताकि जो महापुरुष हमारे घर आ रहे हैं, हम उनके लिए अच्छी सी खूबसूरत सी व्यवस्था कर पायें...
4) निरंकार किरपा करे आपको टन-मन-धन के सुख दे तंदुरुस्ती दे और आप सब बढ़-चढ़ के, चाहे बच्चे हैं चाहे बहने हैं चाहे जवान हैं, और *_बढ़-चढ़ के आगे सेवा कर पायें और मिशन के साथ और दृढ़ता से आगे बढ़ें...
साध संगत जी धन निरंकार...