*सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज के प्रवचन (7-मार्च-17, चेन्नई, तमिलनाडु)-*
प्यारी साध संगत जी प्यार से कहना धन निरंकार जी
- कहीं पे एक लाइन पढ़ने को मिली थी और शायद दासी ने पहले भी एक बार सत्संग में उसे quote किया कि -
*_'We make a LIVING by what we GET, but we make a LIFE by what we GIVE.'_*
सब यही चाहते हैं कि एक comfortable जिंदगी जी पाएं और यह जायज़ भी है। पर *एक comfortable जिंदगी जीने के लिए source of earning भी एक नेक तरीके की हो। कोई बेईमानी वाले तरीके से ना हो* क्योंकि हर व्यक्ति की अपने परिवार के प्रति responsibility बनती है कि उन्हें एक comfortable living दे पाए। पर अक्सर हम देखते हैं *दौलत के पीछे भागते-भागते इंसान अपना नेकी का रास्ता भूलकर, गल्त रास्ते से दौलत कमानी शुरू हो जाता है* और अपने फायदे के लिए दूसरों को कुचल देता है और उनको overtake करके, चाहे कोई बुरे से बुरा तरीका क्यों ना हो, वह अपना लेता है। - लोग अक्सर कहते हैं कि दुनिया खराब है। ये दुनिया में सिर्फ दो-चार लोग तो नहीं है, इसमें हम सब हैं, its a full unit. पर चलो मान लिया दुनिया खराब है, पर *तुम्हें एक अच्छा इंसान होने से कौन रोक रहा है? एक नेकी के रास्ते पे चलने से कौन रोक रहा है? अच्छाईयां करने से कौन रोक रहा है?*
- राजमाता जी की वो
लाइन्स गीत की आप सब ने सुनी हैं कि *अगर कोई मिरचें भी बेच रहा है, तो
उसको बेचने दो, पर हमने तो सिर्फ चीनी का ही व्यापार करना है।*
और बाबा जी ने भी हमें नेकी के रास्ते पर ही चलना सिखाया और समझाया कि *अगर हमने दुनिया संवारनी है तो पहले हमको खुद को सवारना पड़ेगा।*
और *ऐसे लोग जो अपनी बातों से नहीं बल्कि अपने कर्मों से दुनिया में सुधार लाते हैं, ऐसे लोगों की बहुत ही कमी है, ऐसे लोगों की बहुत जरूरत है और ये आप सब महापुरुषों ने करना है।* - शहंशाह जी के प्रवचन आप सबने पढ़े होंगे।
एक बार उन्होंने फरमाया कि *इस मिशन का एक-एक बच्चा, एक-एक संत ऐसा हो कि
अगर उसको कोर्ट में किसी के लिए भी गवाही देनी पड़ जाए, तो जो जज है, वो यह
कहने पे मजबूर हो जाए कि -
*'यह निरंकारी मिशन का बच्चा है, यह कोई गल्त गवाही नहीं देगा और ना ही यह झूठी गवाही देगा।'* - दातार से यही अरदास है कि *हर एक बच्चा इस मिशन का ऐसी नेकी की राह पर
चलता जाए और दुनिया के कोने-कोने में, घर-घर में, इस मिशन की आवाज पहुंचा
पाए।*
प्यारी साध संगत जी प्यार से कहना धन निरंकार जी।
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