अरदास करना कभी मत भूले, अरदास मेँ अपार शक्ति होती है,
रोज़ अरदास किया करो...
ऐ मेरे सतगुरु जी ! तेरे
हर पल का "शुकराना"
हर स्वांस का "शुकराना"
हाथ थामने का "शुकराना"
सिर पर हाथ रखने का
"शुकराना"
हर दुख से बचाने का
"शुकराना"
अंग संग रहने का"शुकराना"
अपना बनाने का "शुकराना"
जब समस्या भारी हो और आपकी ताकत उसके लिए काफी न होतो परेशान मत होना
क्योंकि जहाँ हमारी ताकत खत्म होती है, वहां से गुरु की रहमत शुरू होती है।
रोज़ अरदास किया करो...
ऐ मेरे सतगुरु जी ! तेरे
हर पल का "शुकराना"
हर स्वांस का "शुकराना"
हाथ थामने का "शुकराना"
सिर पर हाथ रखने का
"शुकराना"
हर दुख से बचाने का
"शुकराना"
अंग संग रहने का"शुकराना"
अपना बनाने का "शुकराना"
जब समस्या भारी हो और आपकी ताकत उसके लिए काफी न होतो परेशान मत होना
क्योंकि जहाँ हमारी ताकत खत्म होती है, वहां से गुरु की रहमत शुरू होती है।
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