बहुत कमियां निकालते हैं हम दूसरों में अक्सर,
आओ एक मुलाक़ात जरा आईने से भी कर लें...
इंसान की फितरत है ये,,,,और आदत बनी हुई है,कमियां निकालने की,दुसरो के अवगुण देखने की दूसरों को अपने से नीचा देखने की,और यही कारण है कि आज संसार मे वैर नफरत ईर्ष्या बढ़ती जा रही है।जानते सब है कि हम सब एक परमपिता परमात्मा की संतान है लेकिन अज्ञानता के कारण अपने आप से ही विमुख हैं,जरूरत है अपने सुधार की लेकिन सुधरने का ज्ञान औरों को देते हैं,किरपा करो हमेशा अपने अवगुण को देखें और उनको सुधारें,दूसरों के गुणों पर ही नजर जाए और उन गुणों को अपने जीवन मे डालकर अपना भी कल्याण करें और सतगुरु की रहमत के पात्र बने यही अरदास कामना जी।
🙏🏻 धन निरंकार जी 🙏🏻
आओ एक मुलाक़ात जरा आईने से भी कर लें...
इंसान की फितरत है ये,,,,और आदत बनी हुई है,कमियां निकालने की,दुसरो के अवगुण देखने की दूसरों को अपने से नीचा देखने की,और यही कारण है कि आज संसार मे वैर नफरत ईर्ष्या बढ़ती जा रही है।जानते सब है कि हम सब एक परमपिता परमात्मा की संतान है लेकिन अज्ञानता के कारण अपने आप से ही विमुख हैं,जरूरत है अपने सुधार की लेकिन सुधरने का ज्ञान औरों को देते हैं,किरपा करो हमेशा अपने अवगुण को देखें और उनको सुधारें,दूसरों के गुणों पर ही नजर जाए और उन गुणों को अपने जीवन मे डालकर अपना भी कल्याण करें और सतगुरु की रहमत के पात्र बने यही अरदास कामना जी।
🙏🏻 धन निरंकार जी 🙏🏻
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